अटेवा के संघर्षों का परिणाम रहा कि सरकार ने अब तक 8 महत्वपूर्ण बदलाव किए।
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🔴1- मृतक आश्रित को पुरानी पेंशन,
🔴2- मृतक आश्रित को डेथ ग्रेजुएटी,
🔴3- रिटायर के समय मिलने वाले 60%फण्ड को कर मुक्त किया।
🔴4- मृतक आश्रित को नौकरी।
🔴5- दिल्ली विशाल प्रदर्शन के बाद सरकार ने अंशदान को 10%से बढ़ाकर 14%किया।
🔴6- 2004 से पहले शिक्षक और कर्मचारी साथी नौकरी पाये लेकिन ज्वाइन किए 2005 या इसके बाद उनको भी पुरानी पेंशन का लाभ मिला।
🔴7- पहले NPS के फण्ड को निकाल नहीं सकते थे अब 03 निकासी कर सकतें हैं।
🔴8- रिटायर के समय कर्मचारी के NPS खाते में 5 लाख रूपए है तो सम्पूर्ण पैसा कर्मचारी निकाल सकता है।
अभी तक की उक्त उपलब्धियां सिर्फ अटेवा के संघर्षों का परिणाम है।
संघर्ष अभी जारी है, क्योंकि हमें हुबहू पुरानी पेंशन चाहिए।
प्रिय मित्रों, साथियों अटेवा ने पुरानी पेंशन बहाली आंदोलन को निर्णायक दौर में पहुंचा दिया है।
आइए अटेवा के साथ जुड़े और पुरानी पेंशन बहाल कराएं।
इसी कड़ी में प्रदेश नेतृत्व से 22 अक्टूबर को उ.प्र. के सभी जिलों के मुख्यालय पर प्रस्तावित "NPS निजीकरण भारत छोड़ो पदयात्रा" मे शामिल होकर खुद अपने लिए और अपने आने वाली पीढ़ियों के लिए सुरक्षित भविष्य के निर्माण हेतु पुरानी पेंशन बहाल कराने की इस मुहिम में अवश्य शामिल हो।
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आपका-एक पेंशन विहीन शिक्षक,
सरफराज खान, जिला संयोजक अटेवा, गाजीपुर।
9918108449
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