"नई पेंशन योजना, एक अभिशाप"
अटेवा ने ठाना है, पुरानी पेंशन बहाल करवाना है।
पुरानी पेंशन बहाल करो,"NPSनिजीकरणभारतछोड़ो"
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वर्तमान समय में उत्तर प्रदेश में 1 अप्रैल2005 के बाद नियुक्त हुए सभी शिक्षकों/कर्मचारियों/अधिकारियों के मध्य जिस योजना को लेकर ज्यादा चर्चा है वो है -नई पेंशन योजना।
वह इस पेंशन योजना से होने वाले फायदे व नुकसान से स्वयं को परिचित करा रहा है।
कर्मचारियों का एक धड़ा,जिसकी नियुक्ति 1 अप्रैल 2005 से पूर्व की है वह इस "नयी पेंशन योजना" से होने वाली हानि से इत्तेफाक नहीं रखता क्योंकि ये पुरानी पेंशन योजना से आच्छादित हैं।
लेकिन कुछ शिक्षक-कर्मचारी पुरानी पेंशन से आच्छादित होने के बाद भी पुरानी पेंशन बहाली आंदोलन में खुलकर साथ व सहयोग दे रहे हैं। क्योंकि ये अपने बच्चों के भविष्य के लिए जागरूक हैं इन्हें पता है कि इनके बच्चे अगर सरकारी सेवा में आते हैं तो उन्हें भी "नई पेंशन योजना" में रखा जायेगा, जिसमे बुढ़ापा सुरक्षित नही होगा और उन्हें मुसीबतों/आर्थिक दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा।
वहीँ दूसरी ओर अप्रैल 2005 के बाद सरकारी नौकरी पाये युवा कर्मचारी पुरानी पेंशन योजना से होने वाले लाभ से पूरी तरह से वाकिफ हैं वो भी अपने लिए इसी योजना को बहाल करने की मांग सरकार से कर रहे हैं।जिससे उनका बुढ़ापा सुरक्षित हो सके। उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में पुरानी पेंशन बहाली के लिए “अटेवा” द्वारा आंदोलन चलाया जा रहा है। अटेवा का एक ही उद्देश्य है-पुरानी पेंशन की बहाली। विगत वर्षों में अटेवा के आंदोलनो से पुरानी पेंशन बहाली की उम्मीद युवा कर्मचारियों के बीच जगी है।
अगर समय रहते पुरानी पेंशन योजना बहाली को लेकर शिक्षक कर्मचारी एकजुट न हुए तो उनकी बुढ़ापे की लाठी सरकार इतने आसानी से नही देने वाली नहीं है।
आज सभी सरकारी विभागों में अधिकतर युवा कर्मचारी हैं जिन्हें न्यू पेंशन योजना में डाल दिया गया है, जहाँ पर हम अपना ही पैसा कटवा कर ये भी नहीं जान पा रहे हैं की हमें रिटायरमेंट के बाद न्यूनतम कितनी पेंशन मिलेगी.? क्या तेजी से बढ़ रही मंहगाई के इस दौर में नई पेंशन योजना से मिलने वाली पेंशन से परिवार का भरण पोषण हो पायेगा.?
इसी शेयर मार्केट में लोगो को अमीर से भिखारी बनते देखा गया है। कभी कभी लोगों ने मुनाफा भी कमाया है। आपको बताते चलें कि बुढ़ापे में लोगो की रिस्क लेने की क्षमता बहुत ही कम होती है। 30-35 साल नौकरी करने के बाद लोग अपना बुढ़ापा अच्छे से, बिना किसी परेशानी के बिताना चाहते हैं। इसी लिए युवाओं का झुकाव पुरानी पेंशन के प्रति बढ़ा है, और वो हर हाल में पुरानी पेंशन बहाल कराना चाहते हैं। अगर युवा एकजुट होकर इस दिशा में काम करेंगे तो निश्चित ही सरकार को इसे बहाल करना ही पड़ेगा।
अत: आप सभी से निवेदन है कि अपने हक व सम्मान के लिए 22 अक्टूबर को जिला मुख्यालय पर "NPS निजीकरण भारत छोड़ो" पेंशन पदयात्रा मे एवं 21 नवंबर को पेंशन शंखनाद रैली, लखनऊ में अवश्य शामिल हो।
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जय युवा, जय अटेवा
अंजनी कुमार ओझा, अटेवा, उ0 प्र0।
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